आधुनिक युग की भागमभाग भरी जिंदगी में इंसान तुरंत रिजल्ट देने वाली मेडिसिन लेता हैं जिसे वह ठीक तो जाता हैं मगर उन मेडिसिन से साइड इफेक्ट होने का खतरा भी रहता हैं।एक बीमारी तो ठीक हो जाती है पर नई दस बीमारियाँ खड़ी हो जाती है इसके विपरीत आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में साइड इफेक्ट जैसी प्रॉब्लम न के बराबर हैं । इस पद्धति से रोग का स्थायी समाधान होता हैं । आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की अनेको विधियां हैं उनमें से एक हैं पंचकर्मा पद्धति । यह एक बेस्ट आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति हैं । जिस प्रकार हमारा शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है उसी रोग को 5 तरीको से ठीक किया जा सकता हैं । आयुर्वेद ने इन पांच कर्मो (वमन, विरेचन, नस्य, अनुवासन एवं रक्त) को ही पंचकर्मा कहा हैं ।
हमारे देश में आयुर्वेद चिकित्सालय हैं जहां पंचकर्मा पद्धति से इलाज किया जाता हैं उनमें से एक हैं आयुर्वेद पंचकर्मा सेंटर दिल्ली ( Panchakarma Centre in Delhi ) । देश की राजधानी में स्थित इस आयुर्वेद चिकित्सालय पंचकर्मा पद्धति से सभी प्रकार के रोगों का इलाज किया जाता हैं । तो आइए जानते हैं पंचकर्मा पद्धति क्या हैं ( Panchkrama kya hai?) :-
पंचकर्मा एक ऐसी आयुर्वेद की प्रक्रिया हैं जिसे शरीर के विभिन्न अंगों के माध्यम से शरीर में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को बिना किसी शल्य क्रिया से बाहर निकाला जाता हैं । इस पद्धति को 5 चरणों मे पूरा किया जाता हैं । जो इस प्रकार है :-
1.पंचकर्मा पद्धति का पहला स्टेप – वमन यानी उल्टी
इस प्रक्रिया में आपको उल्टी के माध्यम से पेट में जहरीली गैस व जमा हुआ विषाक्त पदार्थ को उल्टी के द्वारा बाहर निकाला जाता है ।इस प्रक्रिया में मेडिसिन के माध्यम से जमे विषाक्त पदार्थों तरल बनाया जाता है फिर उल्टी के साथ शरीर से बाहर निकाला जाता है । क्योंकि सारी बीमारियों की जड़ तो पेट ही होता है । हम आजकल ज्यादातर खाने में फास्ट फूड व तली हुई चीजों का और मैदे से बनी हुई चीजों का ही इस्तेमाल करते हैं जो शरीर में डाइजेस्ट ना होने के कारण पेट में जमकर विषैला पदार्थ बन जाती है । वमन प्रक्रिया में पेट पूरी तरह साफ हो जाता है । जिन लोगों में वात , पित्त और अस्थमा की शिकायत होती है उनके लिए तो यह प्रक्रिया रामबाण है ।
पंचकर्मा पद्वति का दूसरा स्टेप — विरेचन
यानी इस प्रक्रिया में मल के द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकाला जाता है। इस मे जड़ी बूटियों से बनी मेडिसिन आपको खिलाई जाती है जो आपके शरीर में जाकर मल के माध्यम से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकाल देती है ।साथ ही जो लोग मोटापा के शिकार होते है ।और जिनको खाना सही तरह से डाइजेस्ट नहीं हो पाता और मोटापा घेर लेता है । उनके लिए यह प्रक्रिया मोटापा कम करने में सहायक होती है । पेट साफ होने से आधी बीमारियां तो ऐसे ही निकल जाती है । फिर जो लोग कब्ज की शिकायत परेशान रहते हैं । उनके लिए यह प्रक्रिया बहुत ही लाभदायक है ।
पंचकर्मा पद्वति का चौथा स्टेप – अनुवासन वस्ती
इस प्रक्रिया को पंचकर्म प्रकृति प्रक्रिया का आधार माना गया है । क्योकि इस प्रक्रिया में आपको ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन जैसे दूध, दही, घी, मक्खन और छाछ जैसे तरल पदार्थों का सेवन कराया जाता है । जो पेट को पूरी तरह से साफ और रोग मुक्त बना देता है ।क्योंकि हमारे खाने में जितना तरल व पौष्टिक पदार्थों होगा उतना ही हम स्वास्थ्य बनेंगे पुराने जमाने के लोग इसीलिए स्वस्थ रहते थे क्योंकि उनके खान-पान में इन्हीं तरल व पोष्टिक चीजों की भरमार होती थी ।
पंचकर्मा पद्धति का पांचवां स्टेप – रक्तमोक्षण
इस प्रक्रिया में आपके शरीर में खराब खून को साफ किया जाता है । जड़ी बूटियों के माध्यम से आपके शरीर के रक्त को शुद्ध किया जाता है । खून को पतला व साफ बनाया जाता है ।जिन लोगों को मुहांसों व स्किन की समस्या होती है । उन लोगों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद प्रक्रिया होती है । इस प्रक्रिया द्वारा हार्ट को शुद्ध खून मिलता है । और हार्ट और अच्छी तरह से कार्य करता है ।
पंचकर्म के फायदे :-
पंचकर्म पद्धति के बहुत सारे फायदे इस प्रक्रिया में शरीर को पूरी तरह विषाक्त मुक्त बना दिया जाता है । जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है । शरीर में नई स्फूर्ति का संचार होता है । इस प्रक्रिया में थोड़ा समय जरूर लगता है पर शरीर से सारी बीमारियों का जड़ से खात्मा हो जाता है । शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाने से आदमी को छोटी- मोटी बीमारियों का असर ही नहीं होता है । इसमें साइड इफेक्ट्स का कोई डर नहीं होता और ना ही बहुत सारी महंगी दवाइयों का सेवन आपको करवाया जाते हैं ।देसी जड़ी बूटियों की दवाई खाने से इंसान के चेहरे पर भी चमक आ जाती है शरीर में उत्साह का संचार हो जाता है ।
पंचकर्मा की सावधानियां
इस पद्धति में Ayurvedic Panchakarma Treatment Centre in Delhi के अनुसार हमे कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता है । जैसे तनाव न ले, फिज़िकल रिलेशनशिप न बनाएं, भरपूर नींद ले एवं चिकित्सक के परामर्श के अनुसार खान पान करें ।
http://www.aashaayurveda.com contact: 9811773770
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