बालो का झड़ना आम बात हैं । आये दिन 50 -100 बाल झड़ ही जाते हैं । यही प्रॉब्लम हमे परेशान कर जाती हैं जिसे हम नये नये प्रोडक्ट इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हो जाते हैं मगर रिजल्ट ज़ीरो । जी हां आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर मुख्य रुप से तीन दोष (वात-पित्त-कफ) से बना हुआ है इन्हें दोष कहने का मुख्य कारण भी यही है क्योंकि इनकी साम्यावस्था जहां हमें आरोग्य देती हैं वहीं इनका मात्रा से कम या ज्यादा होना हमारे शरीर मे रोगों को उत्पन्न करता है। बालों के झडने का मुख्य कारण पित्त की अधिकता है । आसान शब्दों में हेयर लॉस (Hair loss) के कारण इस प्रकार गिने जा सकते हैं तो आइए जानते हैं :-
बॉडी फैट या मेद-– आयुर्वेद के अनुसार शरीर सात धातुओं से मिलकर बना होता है जिनमें एक धातु होती है मेद जिसे हम आधुनिक युग में फैट कहते हैं। जब किसी व्यक्ति में मेद धातु की अधिकता हो जाती हैं तो हम जो भी भोजन ग्रहण करते हैं उसका सारा सार मेद में परिवर्तित होने लगता है और वह अपने आगे की धातु जैसे की अस्थि और मज्जा के पोषण को रोक देता है इसीलिए अधिकतर देखा जाता है कि बहुत मेदस्वी या फैटी लोगों के सिर से बाल झड़ने लगते हैं क्योंकि उनमें अस्ति धातु का पोषण नहीं होता और आयुर्वेद के अनुसार बालों को अस्ति धातु का मल कहा जाता है।
कैल्शियम एवं आयरन की कमी– वर्तमान में छरहरा दिखने की चाह में युवक युवतियां जिस प्रकार डाइटिंग की प्रक्रिया को अपना रहे हैं, उसमें शरीर कई पोषक तत्वों से वंचित रह जाता है उन पोषक तत्वों में मुख्य पोषक तत्व है आयरन । शरीर में जब भी आयरन की कमी होगी, लौह धातु की कमी होगी, सिर से बाल अवश्य झड़ेंगे । वही कैल्शियम की कमी के कारण भी बालों का झड़ना (Hair Fall ) आम समस्या है ।
गम्भीर बीमारियाँ — मानव शरीर का एक सिस्टम होता है जिसमें छोटी-मोटी बीमारियों से शरीर बिना दवाइयों के ही लड़ लेता है । इसी प्रकार शरीर का सिस्टम काम करता है जब मानव शरीर किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होता है उस समय शरीर का पूरा ध्यान उस बीमारी से लड़ने में निकल जाता है इसलिए बाकी पोषण अनदेखा रह जाता है और इस प्रकार पोषण के अभाव मे ऐसी गम्भीर बिमारियों जैसे पीलिया, टायफाइड, मलेरिया, विषम ज्वर आदि के बाद बाल झडने लगते हैं ।
त्वचा गत रोग – आयुर्वेद डॉक्टर्स के अनुसार त्वचा से संबंधित जितने भी रोग होते हैं उन सभी में अमूमन बालों का झड़ना पाया ही जाता है इसके मुख्य उदाहरण है– कुष्ठ रोग या लेप्रोसी ल्युकोडर्मा, वायरल इनफेक्शन, दाद- खाज- खुजली रोमांतिका अरुणशिका या रूसी का होना, फन्गल इन्फेकशन इत्यादि।।
त्वचा गत रोग – आयुर्वेद डॉक्टर्स के अनुसार त्वचा से संबंधित जितने भी रोग होते हैं उन सभी में अमूमन बालों का झड़ना पाया ही जाता है इसके मुख्य उदाहरण है– कुष्ठ रोग या लेप्रोसी ल्युकोडर्मा, वायरल इनफेक्शन, दाद- खाज- खुजली रोमांतिका अरुणशिका या रूसी का होना, फन्गल इन्फेकशन इत्यादि।।
रक्तगत रोग– रक्त से सम्बंधित विभिन्न रोगों में एक तो व्याधि के कारण दूसरा रोग को दूर करने के लिये प्रयुक्त एंटीबायोटिक के अति प्रयोग के कारण भी बाल अक्सर समय से पहले झड़ जातें हैं ।
कृमि रोग-– सामान्यतः लोगों में यही धारणा पायी जाती है कि कृमि बच्चों में ही पाये जातें हैं पर ऐसा नही है। बहुत बार बच्चों के साथ ही कई वयस्कों में भी विभिन्न प्रकार के कृमि या वर्म्स पाये जातें है जो बालो के झड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं।
अन्य कारण– बहुत बार ऐसी कई बीमारियाँ जो शरीर के मेटाबोलिस्म से जुड़ी होती है,उनके कारण भी बालों का झड़ना पाया जाता है। जैसे डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और थायरॉईड की समस्या में भी बालों का गिरना देखा जाता है। जैसा कि आप सभी ने देखा बालों के झड़ने के यह सारे कारण हैं इन्हीं कारणों में इनके उपचार छिपे हैं। इन कारणों का निदान जैसे जैसे किया जाएगा, वैसे वैसे उपचार मिलता जाएगा। आगे आपको उपचार के बारे में बताते हैं।
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आयुर्वेदिक उपचार दिल्ली Ayurvedic Treatment For Hair Loss In Delhi
यूं तो आयुर्वेद के बेस्ट डॉक्टर्स आपको हर महानगर में मिल जायेंगे लेकिन अगर बात दिल्ली की करें तो डॉ. Chanchal Sharma, Ayurvedic treatment for hair Aasha Ayruveda पंचकर्मा आयुर्वेदिक सेंटर दिल्ली मुख्य हैं ।
अगर आप अधिक जानकारी चाहते है तो क्लिक कीजिये: Ayurvedic Remedies For Hair Fall And Hair Regrowth
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